हिंदी शायरी (Hindi Shayari) - collection of shayari
हिंदी शायरी (Hindi Shayari) से भारतीय जनता का एक मज़बूत रिश्ता रहा है और शायरी हिंदुस्तानी दिलों के काफी नज़दीक रही है। दिल जब ख़ुशी से झूम उठे ! या फिर दर्द से कराहे दोनों ही हालत में इंसान शायरी में अपने जज़्बात बयान करता है। इश्क में शायरी और शायरी में इश्क न हो ऐसा मुमकिन ही नहीं है। हिंदुस्तानी हमेशा से ग़ज़ल हिंदी शायरी के दीवाने रहें हैं, मुशायरा, कवि सम्मलेन, कव्वाली सब शायरी के ही रूप हैं। मिर्ज़ा ग़ालिब
, इकबाल, मीर तक़ी मीर,ख्वाजा मीर दर्द, बाबर अली अनीस, सलामत अली दाबिर,मोहम्मद इब्राहिम ज़ोक, जोश, जिगर, फ़िराक़, फ़राज़, फ़ैज़ी आदि कुछ महान शायर हुए हैं जिनके कलाम को अवाम में आज भी पढ़ने की ललक है।
मुझसे मिलने का आज तू भी इरादा कर ले
अपने दिल से आज एक बहाना कर ले
करना पड़ेगा आज तुझे सामना मेरी मोहोब्बत का
अपने दिल-ऐ-ज़ज़्बात को आज तू थोड़ा ज्यादा कर ले
“ग़म तो बस इतना है कि तुम्हें इल्म तक नहीं,इस दिल ने तुम्हें कितने हक़ दे रखे हैं ।”
― Pariksha (ek Takhallus)
मीठी मीठी यादे पलकों पे सजा लेनाएक साथ गुज़ारे पल को दिल में बसा लेनानज़र ना आऊं हकीकत में अगरमुस्कुरा कर मुझे सपनो में बुला लेना ।।
“ऐ मन, ज़रा सा झूम ले तू,ज़रा गुनगुना, ज़रा घूम ले तू;मंजिल है दूर, चलना ही है तुझे,उड़कर हवाओं को चूम ले तू!”― Neelam Saxena Chandra
Katra Katra Mere Halak Ko Tar Karti Hai,Mere Rag-Rag Mein Chai Saphar Karti Hai.कतरा कतरा मेरे हलक को तर करती है,मेरे रग-रग में चाय सफर करती है।Sabhi Sisakiyon Ki Haay Laaya Hoon,Ahal-E-Gam Baitho Jara Main Chai Laaya Hoon.सभी सिसकियों की हाय लाया हूँ,अहल-ए-गम बैठों जरा मैं चाय लाया हूँ।
हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ,दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे,ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर,जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे।Humara Zikr Bhi Ab Jurm Ho Gaya Hai Wahan,Dino Ki Baat Hai Mefil Ki Aabru Hum The,Khayal Tha Ke Yeh Pathrav Rok Dein Chal Kar,Jo Hosh Aaya Toh Dekha Lahu Lahu Hum The.
ख़ामोशी इकरार से काम नहीं होती
सादगी भी सिंगार से काम नहीं होती
ये तो अपना अपना नज़रिया है मेरे दोस्त
वर्ना दोस्ती भी प्यार से काम नहीं होती ।
Khamoshi Ikrar Se Kam Nahi Hoti
Sadgi Bhi Singaar Se Kam Nahi Hoti
Ye To Apna Apna Nazariya Hai
Warna Dosti Bhi Pyar Se Kam Nahi Hoti
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